शुक्रवार, 11 जून 2010

रविवार, 23 अगस्त 2009

जिन्ना का जिन् और भाजपा

पिछले चुनाव में हार के बाद जिन्ना का जिन् जगह तलाश रहा था .आख़िर कार्यसमिति की बैठक में जसवंत के रूप में जिन्ना फिर प्रकट हुए .भाजपा के वरिष्ठ नेता टेबलों के नीचे घुस गए परन्तु पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ नेता को बचने के लिए जसवंत को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया .अपना कम पूरा होते ही जिन् तो अपनी कब्र की तरफ़ तशरीफ़ ले गया परन्तु भाजपा के लिए कई उलझने छोड़ गया .जनता को इस निर्णय से भाजपा पर किसी प्रेत आत्मा का प्रभाव प्रतीत हो गया .क्योंकि पार्टी में सही निर्णय बलना किसी भेदभाव के लिया जाता तो सबसे पहले जिन्ना महान कहने वाले अडवाणी को पार्टी से निष्कासित किया जाता मगर कार्यसमिति की बैठक से दो दिन पहले ६७४ पेज की किताब बीमार bhajapaeeyon द्वारा पढ़ना मुमकिन नही था बिना padhe ही pustak के हवाले से निष्कासित कर दिया .उसी जिन्ना की तारीफ़ में अडवाणी को नेता पाद का तोहफा दिया गया और जसवंत को सजा-ये-मौत .लगता है जिन्ना का जिन् बीजेपी के सर्वनाश तक पीछा नही छोडेगा .अगले ब्लॉग में राजस्थान भाजपा में जिन्ना का असर

जिन्ना का जिन् और bhajpa

जिन्ना जिन् के रूप में आज भी मोजूद है .उसने अपने कट्टरवाद के कारन हिंदुस्तान की हिंदू कट्टरवादी पार्टी पर जिन्ना के जिन् की नजर काफी समय से लगी हुई थी .परन्तु भाजपा के गले में वाजपेयी जैसा ताबीज होने के कारन जिन् का प्रभाव बेअसर था .मगर वाजपेयी के हटने से जिन्ना ने कब्र से निकलकर प्रधानमंत्री paadके महत्त्वाकांक्षी नेता लाल कृष्ण अडवाणी को प्रधानमंत्री की कुर्सी दिखायी और अदावानिजी बिना चप्पल पहने जिन्ना की मजार की तरफ़ दौडे .और अपना माथा जिन्ना की मजार पर टेक दिया .जिन्ना mahan का नारा लगा दिया ,जिन्ना ने aashirwad देकर rawana कर दिया .advaneeji अपने आपको प्रधानमंत्री mahsoos करने लगे उनको ऐसा लगा की जिन्ना के ashirwad से प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल jayegi.मगर भारत pahuchane par jootam paijar ka samna karna pada parinam swaroop jinn ne bhajpa ko satta me jane se rok diya